आयुर्वेद के अनुसार वसन्त ऋतुचर्या पालन

आयुर्वेद में वसंत ऋतुचर्या बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। वसंत ऋतु को ऋतुराज भी कहा जाता हैI इस ऋतु में प्रकृति के यौवन में उत्थान दिखाई देता है। वसंत ऋतु उत्तेजक वात दोष के कारण होती है जो शीतल और शांत वात दोष के बाद होती है। इस ऋतु में व्यक्ति को अपने आहार और दिनचर्या में बदलाव करने की आवश्यकता होती है। वसंत ऋतु आरंभ होते ही, आयुर्वेदिक चिकित्सा विशेषज्ञों की सलाह होती है कि हमें वसंत ऋतुचर्या का पालन करना चाहिए।

वसंत ऋतुचर्या का महत्वपूर्ण हिस्सा है देह और मन के शुद्धिकरण के लिए उपयुक्त आहार लेना। सबसे अधिक प्रतिफलदायी आहार में सब्जियां, फल, अंकुरित अनाज, मूंग दाल, हल्दी वाला दूध, नारियल पानी, घी, शहद आदि शामिल होते हैं। वसंत ऋतु में आयुर्वेदिक चिकित्सा विशेषज्ञों की सलाह होती है कि आप प्रतिदिन शाकाहारी भोजन का सेवन करें और तले हुए चीजों, मैदा, तली फलों और मीठे पदार्थों का सेवन कम से कम करें।

इस ऋतु में व्यायाम करना भी बहुत महत्वपूर्ण होता है। योग और प्राणायाम इस ऋतु में किया जाना चाहिए जो शरीर को सक्रिय रखते हैं और आंतरिक शांति प्रदान करते हैं। व्यायाम से शरीर की ऊर्जा का स्तर बढ़ता है और शरीर को ठंडक मिलती है। इससे शरीर को रोगों से लड़ने की क्षमता मिलती है।

आयुर्वेद के अनुसार, वसंत ऋतु चर्या पालन आवश्यक होता है। वसंत ऋतु के दौरान वात दोष कम होता है और कफ दोष बढ़ता है, इसलिए व्यक्ति को इस ऋतु में अपने आहार और जीवनशैली को उसके अनुरूप बदलने की आवश्यकता होती है। वसंत ऋतु में वात प्रकृति के लोगों को ज्यादा प्रभाव होता है, जो उन्हें थकान और बेचैनी का अनुभव करवाता है। इस ऋतु में सभी को अपने आहार और जीवनशैली में बदलाव करने की जरूरत होती है।

वसंत ऋतु चर्या में आहार और विहार, पथ्य और अपथ्य के बारे में आयुर्वेद कुछ महत्वपूर्ण तरीके बताता है। इन हिस्सों में शामिल हैं:

आहार:

  • फल और सब्जी की प्रमुख खाद्य पदार्थ होते हैं।
  • फल पानी व एलोवेरा जूस में भी ले सकते हैं।
  • खीरे, खुरमा, खजूर, गुड़ पानी में भिगो कर रखें और फिर खाएं।
  • आम, संतरा जैसे विटामिन सी युक्त फल भी फायदेमंद होते हैं।

विहार:

  • कम से कम आठ घंटे की नींद लेना चाहिए।
  • सामान्य व्यायाम जैसे योग, तैरना, घूमना और वक्रासन करना चाहिए।
  • उष्ण जल के साथ स्नान करना चाहिए।
  • दिन के समय नहीं सोना चाहिए

पथ्य:

  • हल्दी और शहद का प्रयोग वसंत ऋतु में खांसी से बचाता है।
  • शीर्षेण तैल से नहाने का अनुशंसित विधि है।
  • रात में समय पर नींद लेना चाहिए।
  • शाकाहारी भोजन का सेवन करेंI

अपथ्य:

  • खाद्य पदार्थ जैसे चिप्स, समोसा, रोल, चॉकलेट, मैदा से बना खाना न खाएँ।
  • हाई एनर्जी ड्रिंक जैसे कोला और एनर्जी ड्रिंक नहीं पीना चाहिए।
  • नया अन्न नहीं खाना चाहिए।
  • खट्टा व तीखा भोजन ना करेंI

इसलिए, वसंत ऋतु में आहार और विहार को स्वस्थ रखने के लिए आयुर्वेद कुछ टिप्स देता है। इन टिप्स का पालन करने से हम अपने शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं।

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Dr Manju Kapoor
Dr Manju Kapoor

Hello, I am Dr Manju Kapoor. I am practicing Ayurveda for past 10 years.

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